Rishte Kaanch Ke ext v1

Rishte Kaanch Ke ext v1

2024-04-19

Created By ricky393 With Udio AI

rachmaninov rachmaninoff prokofiev liszt mystic energetic interesting elegant orchestra symphony
Rishte Kaanch Ke ext v1

2024-04-19

Lyrics

मिली जब निगाहें, दिल खो बैठा ऐसा बस गया तू मेरी रूह में किसी खुशबू सा तेरा हँसना मेरा क्या है तू ही सवेरा, तू ही शाम है प्यार में डूबे हैं हम ऐसा खिलते रहेंगे हमेशा यही चाहा तुमसे मिलकर कहूँगा सब ही प्यार में डूबे हैं हम ऐसा खिलते रहेंगे हमेशा यही चाहा मैं किसी से कहूँगा सब ही जुदाई ने छेड़ी, दिल की वीणा ऐसा बिछड़ के तेरे, रूह भटका बादल सा तेरा गम मेरी उदासी है तू था सवेरा, अब अंधेरा जाम है प्यार की राहें हुई रुसवा ऐसा टूट ना पाएगा ये बंधन हमेशा तेरी यादें, मेरे दिल से, ना जाएंगी कैसे भरी बारिश में भीगी, पलकों की ये भाषा इक आँसू मेरा जीवन है तेरा साथ था, अब आँसू का जाम है [अंतरा] बिखरे सपने, एहसास अब क्या करें खो गए लम्हे, वादे वो तेरे झूठे से