ambe ji ki aarti

ambe ji ki aarti

hindu aarti

2024-04-09

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ambe ji ki aarti

hindu aarti

2024-04-09

Lyrics

जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी।nnतुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी॥nnजय अम्बे गौरीnnमाँग सिन्दूर विराजत,टीको मृगमद को।nnउज्जवल से दोउ नैना,चन्द्रवदन नीको॥nnजय अम्बे गौरीnnकनक समान कलेवर,रक्ताम्बर राजै।nnरक्तपुष्प गल माला,कण्ठन पर साजै॥nnजय अम्बे गौरीnnकेहरि वाहन राजत,खड्ग खप्परधारी।nnसुर-नर-मुनि-जन सेवत,तिनके दुखहारी॥nnजय अम्बे गौरीnnकानन कुण्डल शोभित,नासाग्रे मोती।nnकोटिक चन्द्र दिवाकर,सम राजत ज्योति॥nnजय अम्बे गौरीnnशुम्भ-निशुम्भ बिदारे,महिषासुर घाती।nnधूम्र विलोचन नैना,निशिदिन मदमाती॥nnजय अम्बे गौरीnnचण्ड-मुण्ड संहारे,शोणित बीज हरे।nnमधु-कैटभ दोउ मारे,सुर भयहीन करे॥nnजय अम्बे गौरीnnब्रहमाणी रुद्राणीतुम कमला रानी।nnआगम-निगम-बखानी,तुम शिव पटरानी॥nnजय अम्बे गौरीnnचौंसठ योगिनी मंगल गावत,नृत्य करत भैरूँ।nnबाजत ताल मृदंगा,अरु बाजत डमरु॥nnजय अम्बे गौरीnnतुम ही जग की माता,तुम ही हो भरता।nnभक्तन की दु:ख हरता,सुख सम्पत्ति करता॥nnजय अम्बे गौरीnnभुजा चार अति शोभित,वर-मुद्रा धारी।nnमनवान्छित फल पावत,सेवत नर-नारी॥nnजय अम्बे गौरीnnकन्चन थाल विराजत,अगर कपूर बाती।nnश्रीमालकेतु में राजत,कोटि रतन ज्योति॥nnजय अम्बे गौरीnnश्री अम्बेजी की आरती,जो कोई नर गावै।nnकहत शिवानन्द स्वामी,सुख सम्पत्ति पावै॥nnजय अम्बे गौरी