Krishana

Krishana

devotional

2024-04-09

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Krishana

devotional

2024-04-09

Lyrics

भक्त मेरे मुकुटमणि, मैं हूं भक्तन का दास । भक्तन के पाछे फिरूं चरणधूलि की आस ।। भक्त जहाँ पग धरें, तहां धरु मैं माथ। एक पल न बिसरुं, हरदम रहूं साथ ।। करें जो ध्यान मेरा, मैं उनका ध्यान लगाऊं । गरुड़ छोड़, गोलोक त्याग के नंगे पैर धाऊं ।। 1 जो आंसू बहाए, तो मैं दस गुना बहा दूं। जो शरणागत हो, तो मैं अपना सर्वस्व दे दूं।। मोको भजे, भजूं मैं उनको, हूं दासों का दास । सेवा करें, करूं मैं सेवा को उनकी सच्चा विश्वास ।। जूठा खाऊं, गले लगाऊं, नहीं जाति को ध्यान । आचार विचार कछु देखूं नहीं, देखूं प्रेम सम्मान।। अपना प्रण बिसार, भक्त का प्रण निभाऊं । मैं दास बनूं, काहे सो बेचे तो बिक जाऊं ।। पग चापूं, सेज बिछाऊं, हजाम बनूं, गाड़ीवान बन जाऊं। हाकूं बैल, नौकर बनूं बिन तनख्वाह, जूठे बेर, छिलके खाऊं ।। जो कोई भक्ति करे कपट, उसको भी अपनाऊं। साम, दाम और दंड भेद से सीधे रास्ते लाऊं।। नकल से असल वादी बनाऊं। जो कर्ता मुझे ठहरावे उसके बलिहारी जाऊं ।। जो हरदम मेरे गुन गाए, रहूं उसके पास। भक्ति करे पाताल में, प्रगट करुं आकास । । भक्त मेरे मुकुटमणि, मैं हूं भक्तन का दास । भक्तन के पाछे फिरूं चरणधूलि की आस ।।